Tuesday, November 25, 2014

#Eleventh Story, Kya Ve Unhen: Baba Nirmal Verma/Hindi Audio Book/2012/11. Voice: Reetesh Khare "Sabr Jabalpuri"

बोलती कहानियाँ - क्या वे उन्हें भूल सकती हैं? - निर्मल वर्मा

 'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने प्राख्यात ब्लॉगर अर्चना चावजी की आवाज़ में महादेवी वर्मा की मार्मिक कहानी "घीसाका पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मूर्धन्य कथाकार और पत्रकार निर्मल वर्मा की प्रसिद्ध डायरी ' धुंध से उठती धुंध ' का अंश "क्या वे उन्हें भूल सकती हैं?, जिसको स्वर दिया है रीतेश खरे "सब्र जबलपुरी" ने।

 कहानी का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 41 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।

जो पराजित हो जाते हैं , पीछे हट जाते हैं , इसलिए नहीं कि वे कम ' पोटेंट ' हैं , कम मर्द हैं , कम प्रेम करना जानते हैं ...
 ~  निर्मल वर्मा (3 अप्रैल 1929 - 25 अक्तूबर 2005)

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वे सो जाती हैं। खिड़की बंद करके लौट आती हैं। क्या वे उन्हें भूल सकती हैं ?
(बाबा निर्मल वर्मा की "क्या वे उन्हें भूल सकती हैं?" से एक अंश)

http://radioplaybackindia.blogspot.in/2012/03/kya-ve-unhen-nirmal-verma-reetesh-khare.html

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